उत्तराखण्ड के लोक वाद्य यंत्र
उत्तराखण्ड की अपनी एक समृद्ध और गौरवशाली सांस्कृतिक परम्परा है। किसी भी सभ्यता और संस्कृति के लिये जरुरी है उनकी सांस्कृतिक गतिविधिया और इनके लिये आवश्यक होते हैं सुर और ताल, सुर जहां कंठ से निकलते हैं वहीं ताल के लिये वाद्य यंत्रों की आवश्यकता होती है। हमारे पुरखों ने स्थानीय सुरों के आधार पर […]
उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति की संघर्ष यात्रा
उत्तराखण्ड राज्य ०९ नवम्बर, २००० को अस्तित्व में आया, लेकिन इस क्षेत्र की यह मांग दो सदी पुरानी थी, आन्दोलन होते रहे, लेकिन १९९४ में जनता के इस आन्दोलन ने ऐसा प्रचण्ड रुप धारण किया कि उ०प्र० और देश की सरकारें हिल गई। इस आन्दोलन में कुल ४२ लोगों की शहादतें हुई और मुजफ्फरनगर चौराहे […]
उत्तराखण्ड की पनचक्की-घराट
पर्वतीय क्षेत्र में आटा पीसने की पनचक्की का उपयोग अत्यन्त प्राचीन है। पानी से चलने के कारण इसे “घट’ या “घराट’ कहते हैं। पनचक्कियाँ प्राय: सदानीरा नदियों के तट पर बनाई जाती हैं। गूल द्वारा नदी से पानी लेकर उसे लकड़ी के पनाले में प्रवाहित किया जाता है जिससे पानी में तेज प्रवाह उत्पन्न हो […]