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उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡
By मà¥à¤¯à¤° पहाड़ on July 24, 2020
जब à¤à¥€ पौड़ी जाना होता है à¤à¤• जगह हमेशा अपनी ओर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करती रही है। बताती रही है अपनी थाती। कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° से ऊपर जाने के बाद à¤à¤• पटà¥à¤Ÿà¥€ शà¥à¤°à¥‚ हो जाती है कोडिया। यहीं à¤à¤• गांव है पाली। बहà¥à¤¤ चरà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥¤ जाना पहचाना। यहां गà¥à¤°à¤¾à¤® सà¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° बताता है कि आप डाॅ. पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ […]
Posted in Personality | Tagged उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, डी०लिट०, पीतामà¥à¤¬à¤° दतà¥à¤¤ बड़à¥à¤¥à¥à¤µà¤¾à¤², पौड़ी, bhu, first d lit in hindi, pali, pauri, pitambar dutt barthwal, shyam sundar das, uttarakhand |
By मà¥à¤¯à¤° पहाड़ on July 8, 2020
वंशीधर पाठक ‘जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥â€™ जी का जनà¥à¤® अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ जनपद के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿ विकासखंड के नहरा, पो. मासर (कफड़ा) गांव में 21 फरवरी 1934 को हà¥à¤†à¥¤ बहà¥à¤¤ छोटी उमà¥à¤° में ही वे अपने पिता के साथ देहरादून चले गये। यही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। कà¥à¤› समय बाद वे पिता के साथ दिलà¥à¤²à¥€ चले गये। इसके बाद […]
Posted in Personality | Tagged aakasvani, आकाशवाणी, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤¯à¤£, चारॠतिवारी, दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿ, रेडियो के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, लखनऊ, वंशीधर पाठक जिगà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥, charu tiwari, dwarahat, jigyasu, lucknow, shimla, uttarakhand, vanshidhar pathak |
By मà¥à¤¯à¤° पहाड़ on May 14, 2018
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के पहाड़ में पहले खेलों के लिये परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ साधन नहीं थे, बचà¥à¤šà¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ संसाधनों पर खेल बनाकर खेला करते थे, जो आज पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ नहीं हैं। आज कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर और सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन के यà¥à¤— में यह खेल कहीं खो से गये हैं, लेकिन खेलों में à¤à¥€ पहाड़ की सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ बनी रही है, इस लेख से माधà¥à¤¯à¤® […]
Posted in Culture, Nature | Tagged अडà¥à¤¡à¥‚, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के लोक खेल, घà¥à¤šà¥à¤šà¥€, ठिणी दाबà¥à¤²à¥€, दाणि, पहाड़, पांछ, बाघ बकरी, chucchi, folk games of uttarakhand, thini dabuli, uttarakhand |