उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के लोक वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की अपनी à¤à¤• समृदà¥à¤§ और गौरवशाली सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ है। किसी à¤à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के लिये जरà¥à¤°à¥€ है उनकी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गतिविधिया और इनके लिये आवशà¥à¤¯à¤• होते हैं सà¥à¤° और ताल, सà¥à¤° जहां कंठसे निकलते हैं वहीं ताल के लिये वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। हमारे पà¥à¤°à¤–ों ने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¥‹à¤‚ के आधार पर […]