उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की पनचकà¥à¤•à¥€-घराट
परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आटा पीसने की पनचकà¥à¤•à¥€ का उपयोग अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है। पानी से चलने के कारण इसे “घट’ या “घराट’ कहते हैं। पनचकà¥à¤•à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: सदानीरा नदियों के तट पर बनाई जाती हैं। गूल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नदी से पानी लेकर उसे लकड़ी के पनाले में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया जाता है जिससे पानी में तेज पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो […]
घी-तà¥à¤¯à¤¾à¤° : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का à¤à¤• लोक उतà¥à¤¸à¤µ
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ à¤à¤• कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ है, आदिकाल से यहां की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ जल, जंगल और जमीन से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संसाधनों पर आधारित रही है। जिसकी पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ यहां के लोक तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° करते हैं, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और कृषि का यहां के लोक जीवन में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है, जिसे यहां की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ अपने लोक तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करती है। […]