गिरà¥à¤¦à¤¾ का जाना à¤à¤• यà¥à¤— का अवसान है
विगत २२ अगसà¥à¤¤, २०१० को हमारे गिरà¥à¤¦à¤¾ हमसे हमेशा के लिये दूर चले गये। गिरीश चनà¥à¤¦à¥à¤° तिवारी उरà¥à¤« गिरà¥à¤¦à¤¾ मेरा पहाड़ परिवार के लिये à¤à¤• अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• की तरह थे, उनके जाने से हमने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• को खो दिया है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ या आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ पर जैसे ही हम कोई लेख तैयार कर रहे होते तो किसी चीज […]
घी-तà¥à¤¯à¤¾à¤° : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का à¤à¤• लोक उतà¥à¤¸à¤µ
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ à¤à¤• कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ है, आदिकाल से यहां की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ जल, जंगल और जमीन से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संसाधनों पर आधारित रही है। जिसकी पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ यहां के लोक तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° करते हैं, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और कृषि का यहां के लोक जीवन में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है, जिसे यहां की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ अपने लोक तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करती है। […]