विगत २२ अगसà¥à¤¤, २०१० को हमारे गिरà¥à¤¦à¤¾ हमसे हमेशा के लिये दूर चले गये। गिरीश चनà¥à¤¦à¥à¤° तिवारी उरà¥à¤« गिरà¥à¤¦à¤¾ मेरा पहाड़ परिवार के लिये à¤à¤• अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• की तरह थे, उनके जाने से हमने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• को खो दिया है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ या आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ पर जैसे ही हम कोई लेख तैयार कर रहे होते तो किसी चीज पर à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚ति होने पर à¤à¤• ही नाम याद आता “गिरà¥à¤¦à¤¾â€à¥¤ हम तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मोबाइल पर काल करते, फिर हमारी हर समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान हो जाता। गिरà¥à¤¦à¤¾ को जब à¤à¥€ फोन किया हमेशा आतà¥à¤®à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ से गिरà¥à¤¦à¤¾ ने विषय के हर पहलू से हमें रà¥à¤¬à¤°à¥ करवाया, कà¥à¤› चीजों पर वह कहते “इस पर शोध करो, इसके बारे में तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता चल जायेगा तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ बता देना। कई यादें हैं गिरà¥à¤¦à¤¾ के साथ जà¥à¥œà¥€ हà¥à¤ˆ, लेकिन लिख नहीं पा रहा हूं। शोक से उबर जायें तो उनके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ और कृतितà¥à¤µ पर à¤à¤• लेख लिखेंगे। फिलहाल तो लिखने बैठते हैं तो आंखे और दिल à¤à¤° आ रहा है।
वैसे à¤à¥€ गिरà¥à¤¦à¤¾ जैसे लोग कà¤à¥€ मरते नहीं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उन जैसे लोग वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ होते हैं, à¤à¤• विचार होते हैं और विचार कà¤à¥€ मरा नहीं करते, वे हमेशा लोगों के दिलो-दिमाग में जिनà¥à¤¦à¤¾ रहते हैं। गिरà¥à¤¦à¤¾ के विचार à¤à¥€ हमेशा हमारे मानस पटल पर अंकित रहेंगे, मेरा पहाड़ परिवार उनके दिखाये गये मारà¥à¤— पर चलने का संकलà¥à¤ª लेता है और यही संकलà¥à¤ª सà¤à¥€ को लेना होगा और यही गिरà¥à¤¦à¤¾ को सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि होगी। गिरà¥à¤¦à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कालजयी कवितायें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के सरोकारों से सरोकार रखने वालों के लिये हमेशा मारà¥à¤—निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• का काम करेंगी। गिरà¥à¤¦à¤¾ ने जनपकà¥à¤·à¤§à¤°à¤¤à¤¾ और जन सरोकारों की जो लौ जलाई है, वह à¤à¤• अखणà¥à¤¡ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ बन हमेशा जलती रहेगी। गिरà¥à¤¦à¤¾ के जाने से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के विजà¥à¤ž समाज में जो रिकà¥à¤¤à¤¤à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ˆ है, वह कà¤à¥€ à¤à¤°à¥€ नहीं जा सकेगी। या यों कहा जाय कि गिरà¥à¤¦à¤¾Â का अवसान à¤à¤• यà¥à¤— का अनà¥à¤¤ है, वैचारिक यà¥à¤— का।
गिरà¥à¤¦à¤¾ को मेरा पहाड़ डाट काम नेटवरà¥à¤• की विनमà¥à¤° और अशà¥à¤°à¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि।
गिरà¥à¤¦à¤¾ और उनकी कवितायें
गिरà¥à¤¦à¤¾ को हमारी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि
अपनी रचनाओं और यादों के माधà¥à¤¯à¤® से गिरदा सदा अमर रहेंगे, हमारी दिलों में…
गिरà¥à¤¦à¤¾ ने अपनी समृदà¥à¤§ वसीयत अपने विचारों तथा गीतों के माधà¥à¤¯à¤® से हमारे लिये रख छोड़ी है, अब जरà¥à¤°à¤¤ है गिरà¥à¤¦à¤¾ के विचारों पर, उनके दिखाये रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर चलने की।
we are realy very sorry god give peace his soul.
ek din jarur aalu jainta …..wu din duniya ma.
GirDa aapko sat-sat naman…..
May his soil rest in peace.
वो याद आà¤à¤‚गे बहà¥à¤¤.
girda amar ho gaye uttranchal mei
girda jo bichro ka khajan hamr leji chod jari uner ham kasi bhal upyog karno ya baat thuli cho.Aaj jo pahad mai huno ouki aabhash unkai pailiki chi. Girda ko bhawa bhini sardhanjali.