उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की संघरà¥à¤· यातà¥à¤°à¤¾
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ ०९ नवमà¥à¤¬à¤°, २००० को असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आया, लेकिन इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की यह मांग दो सदी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ थी, आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ होते रहे, लेकिन १९९४ में जनता के इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ ने à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤£à¥à¤¡ रà¥à¤ª धारण किया कि उ०पà¥à¤°à¥¦ और देश की सरकारें हिल गई। इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में कà¥à¤² ४२ लोगों की शहादतें हà¥à¤ˆ और मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र चौराहे […]
à¤à¤•à¤¤à¤¾ बिषà¥à¤Ÿ अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ पहà¥à¤à¤šà¥€
तारा दतà¥à¤¤ बौड़ाई/दीपांकर कारà¥à¤•à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ महिला कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ टीम की ओर से इंगà¥à¤²à¥ˆà¤£à¥à¤¡ में उतà¥à¤•à¥ƒà¤Ÿ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर 24 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾ बिषà¥à¤Ÿ पिछले दिनों अपने गृहनगर अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ लौट आयी। यहाठà¤à¤µà¥à¤¯ जà¥à¤²à¥‚स और ढोल नगाड़ों से उसका सà¥à¤µà¤¾à¤—त हà¥à¤† तथा रैमजे परिसर में नागरिक अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन समारोह किया गया। à¤à¤•à¤¤à¤¾ के कोच लियाकत अली का à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ किया […]
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• विरासत है कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚नी रामलीला
à¤à¤—वान राम की कथा पर आधारित रामलीला नाटक के मंचन की परंपरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में यà¥à¤—ों से चली आयी है। लोक नाटà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ इस रामलीला का देश के विविध पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में अलग अलग तरीकों से मंचन किया जाता है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ खासकर कà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ं अंचल में रामलीला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¯à¤¾ गीत-नाटà¥à¤¯ शैली में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की जाती है। […]