मां बाल सà¥à¤‚दरी मनà¥à¤¦à¤¿à¤°, काशीपà¥à¤°
(मेरा पहाड डाट काम के काशीपà¥à¤° निवासी à¤à¤• नियमित पाठक शà¥à¤°à¥€ नवीन सिंह देउपा ने हमें यह लेख à¤à¥‡à¤œà¤¾ है। जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने काशीपà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मां बाल सà¥à¤‚दरी देवी के बारे में जानकारी à¤à¥‡à¤œà¥€ है। इस अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ मानचितà¥à¤° में उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का वरà¥à¤£à¤¨ कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के अविदित सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• पौराणिक […]
गौरा देवी : चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ की जननी
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ को जन आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ की धरती à¤à¥€ कहा जा सकता है, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के लोग हमेशा से ही अपने जल-जंगल, जमीन और बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ हक-हकूकों के लिय और उनकी रकà¥à¤·à¤¾ के लिये हमेशा से ही जागरà¥à¤• रहे हैं। चाहे 1921 का कà¥à¤²à¥€ बेगार आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ 1930 का तिलाड़ी आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ हो या 1974 का चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨, या 1984 का […]
कबूतरी देवी : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की पहली लोक गायिका
आप लोगों ने यदि à¥à¥¦-८० के दशक में नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कà¥à¤®à¤¾à¤‚ऊनी गीतों के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को सà¥à¤¨à¤¾ होगा तो à¤à¤• खनकती आवाज आपके जेहन में जरà¥à¤° होगी। जो हाई पिच पर गाती थी, “आज पनि à¤à¥Œà¤‚-à¤à¥Œ, à¤à¥‹à¤² पनि à¤à¥Œà¤‚-à¤à¥Œà¤‚, पोरखिन त नà¥à¤¹à¥ˆ जूंला†और “पहाड़ों को ठणà¥à¤¡à¥‹ पाणि, कि à¤à¤²à¤¿ मीठी बाणीâ€à¥¤Â इस […]