उत्तराखण्ड की एक विरासत है कुमाऊंनी रामलीला
भगवान राम की कथा पर आधारित रामलीला नाटक के मंचन की परंपरा भारत में युगों से चली आयी है। लोक नाट्य के रुप में प्रचलित इस रामलीला का देश के विविध प्रान्तों में अलग अलग तरीकों से मंचन किया जाता है। उत्तराखण्ड खासकर कुमायूं अंचल में रामलीला मुख्यतया गीत-नाट्य शैली में प्रस्तुत की जाती है। […]
श्री पी. सी. जोशी – भारत में कम्युनिस्ट पार्टी के आधार स्तम्भ
उत्तराखण्ड में समय-समय पर कई ऐसे व्यक्तित्व पैदा हुए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. अल्मोड़ा के श्री पूरन चन्द्र जोशी जिन्हें भारतीय इतिहास में पी सी जोशी के नाम से जाना जाता है, एक प्रखर स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, विचारक, लेखक, पत्रकार, संगठनकर्ता और राजनेता थे. पी […]
पशुधन की कुशलता की कामना का पर्व “खतडुवा”
उत्तराखण्ड में प्रारम्भ से ही कृषि और पशुपालन आजीविका का मुख्य स्रोत रहा है। जटिल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण व्यापार की संभावनाएं नगण्य थीं, लेकिन कम उपजाऊ जमीन होने के बावजूद कृषि और पशुपालन ही जीवनयापन के प्रमुख आधार थे। आज भी कृषि और पशुपालन से सम्बन्धित कई पारम्परिक लोक परम्पराएं और तीज-त्यौहार पहाड़ के […]