
गौरा देवी : चिपको आन्दोलन की जननी
उत्तराखण्ड को जन आन्दोलनों की धरती भी कहा जा सकता है, उत्तराखण्ड के लोग हमेशा से ही अपने जल-जंगल, जमीन और बुनियादी हक-हकूकों के लिय और उनकी रक्षा के लिये हमेशा से ही जागरुक रहे हैं। चाहे 1921 का कुली बेगार आन्दोलन 1930 का तिलाड़ी आन्दोलन हो या 1974 का चिपको आन्दोलन, या 1984 का […]

कबूतरी देवी : उत्तराखण्ड की पहली लोक गायिका
आप लोगों ने यदि ७०-८० के दशक में नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी से प्रसारित कुमांऊनी गीतों के कार्यक्रम को सुना होगा तो एक खनकती आवाज आपके जेहन में जरुर होगी। जो हाई पिच पर गाती थी, “आज पनि झौं-झौ, भोल पनि झौं-झौं, पोरखिन त न्है जूंला” और “पहाड़ों को ठण्डो पाणि, कि भलि मीठी बाणी”। इस […]

बिश्नी देवी शाह- उत्तराखण्ड की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महिला
राष्ट्रीय आन्दोलन में भी उत्तराखण्डी महिलाओं का अविस्मरणीय योगदान रहा है। इनमें एक बेमिसाल नाम स्व० श्रीमती बिश्नी देवी शाह का है। १२ अक्टूबर, १९०२ को बागेश्वर में जन्मी बिश्नी देवी मात्र कक्षा ४ तक ही शिक्षित थीं। एक ओर वैधव्य और दूसरी ओर सामाजिक कुरीतियों से बीच जकड़ी बिश्नी देवी राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन से […]