वंशीधर पाठक “जिगà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥” उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के लोक अधà¥à¤¯à¥‡à¤¤à¤¾
वंशीधर पाठक ‘जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥â€™ जी का जनà¥à¤® अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ जनपद के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿ विकासखंड के नहरा, पो. मासर (कफड़ा) गांव में 21 फरवरी 1934 को हà¥à¤†à¥¤ बहà¥à¤¤ छोटी उमà¥à¤° में ही वे अपने पिता के साथ देहरादून चले गये। यही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। कà¥à¤› समय बाद वे पिता के साथ दिलà¥à¤²à¥€ चले गये। इसके बाद […]
कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ रेजीमेणà¥à¤Ÿ के कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ शिलà¥à¤ªà¥€ सूबेदार चनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ चनà¥à¤¦ बसेड़ा
शà¥à¤°à¥€ चनà¥à¤¦à¤° सिंह बसेड़ा का जनà¥à¤® १८à¥à¥¦ के आस-पास पिथौरागढ जिले के à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€à¤—ांव, देवलथल में हà¥à¤† था। अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने के बाद वह सेना में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ हो गये थे, उस समय पà¥à¤°à¤¥à¤® विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ लगà¤à¤— अनà¥à¤¤à¤¿à¤® चरण पर था, बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सेनायें अनà¥à¤¤à¤¿à¤® दम तक लड़कर जरà¥à¤®à¤¨ और तà¥à¤°à¥à¤• सेनाओं को पछाड़ने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ […]
कै० उतà¥à¤¤à¤® सिंह सामनà¥à¤¤ : वीरà¤à¥‚मि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के गौरव
उतà¥à¤¤à¤® सिंह सामनà¥à¤¤ (जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ अधिकारियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ कहा गया था) गà¥à¤°à¤¾à¤® उड़ई, देवलथल, जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले थे। इनका जनà¥à¤® १९०८ में हà¥à¤† था। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ का सूरमा, अपनी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ का अकेला राजà¤à¤•à¥à¤¤, यà¥à¤¦à¥à¤§ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपूरà¥à¤µ शौरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के लिये “मारà¥à¤¶à¤² कà¥à¤°à¤¾à¤¸” और “मिलेटà¥à¤°à¥€ कà¥à¤°à¤¾à¤¸ इन वार” समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤à¥¤ १६ अपà¥à¤°à¥ˆà¤², […]