कै० उतà¥à¤¤à¤® सिंह सामनà¥à¤¤ : वीरà¤à¥‚मि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के गौरव
उतà¥à¤¤à¤® सिंह सामनà¥à¤¤ (जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ अधिकारियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ कहा गया था) गà¥à¤°à¤¾à¤® उड़ई, देवलथल, जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले थे। इनका जनà¥à¤® १९०८ में हà¥à¤† था। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ का सूरमा, अपनी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ का अकेला राजà¤à¤•à¥à¤¤, यà¥à¤¦à¥à¤§ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपूरà¥à¤µ शौरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के लिये “मारà¥à¤¶à¤² कà¥à¤°à¤¾à¤¸” और “मिलेटà¥à¤°à¥€ कà¥à¤°à¤¾à¤¸ इन वार” समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤à¥¤ १६ अपà¥à¤°à¥ˆà¤², […]