राग और रंग का अनूठा संगम : कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ की बैठकी होली
होली का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° रंगों का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है,धूम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। लेकिन उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ मणà¥à¤¡à¤² में होली रंगो के साथ-साथ रागों के संगम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। इसे अनूठी होली कहना à¤à¥€ अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां होली सिरà¥à¤« रंगो से ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ रागों से à¤à¥€ खोली जाती है। पौष माह के पहले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से […]
निरà¥à¤®à¤² पाणà¥à¤¡à¥‡ का असमायिक निधन
(कल दोपहर में à¤à¤• दà¥à¤ƒà¤–द समाचार मिला कि निरà¥à¤®à¤² पाणà¥à¤¡à¥‡ जी का मà¥à¤‚बई में हृदयाघात से निधन हो गया। उनके निधन से बालीवà¥à¤¡ को और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के रंगमंच को अपूरणीय कà¥à¤·à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है। मेरा पहाड़ परिवार उनको अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करता है, निरà¥à¤®à¤² दा उरà¥à¤« नानू दा को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œà¤²à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª यह लेख) १० अगसà¥à¤¤ १९६२ […]
तà¥à¤²à¤¸à¥€ देवी : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की उदà¥à¤¯à¤®à¤¶à¥€à¤² और समाजसेवी महिला
उदà¥à¤¯à¤®à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ नाम है तà¥à¤²à¤¸à¥€ देवी जी का, पिथौरागॠजिले के नौलरा गांव में १९१९ में à¤à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ खीम सिंह रावत और सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ रावत के घर पर उनका जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की à¤à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ जनजाति का साग-सबà¥à¤œà¥€ से हरा-à¤à¤°à¤¾ यह छोटा सा गांव उनका असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ आवास था, जहां ऊन धोने, […]