आप लोगों ने यदि à¥à¥¦-८० के दशक में नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कà¥à¤®à¤¾à¤‚ऊनी गीतों के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को सà¥à¤¨à¤¾ होगा तो à¤à¤• खनकती आवाज आपके जेहन में जरà¥à¤° होगी। जो हाई पिच पर गाती थी, “आज पनि à¤à¥Œà¤‚-à¤à¥Œ, à¤à¥‹à¤² पनि à¤à¥Œà¤‚-à¤à¥Œà¤‚, पोरखिन त नà¥à¤¹à¥ˆ जूंला†और “पहाड़ों को ठणà¥à¤¡à¥‹ पाणि, कि à¤à¤²à¤¿ मीठी बाणीâ€à¥¤Â इस आवाज की मालकिन हैं, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की तीजन बाई कही जाने वाली शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ कबूतरी देवी जी। कबूतरी देवी मूल रà¥à¤ª से सीमानà¥à¤¤ जनपद पिथौरागॠके मूनाकोट बà¥à¤²à¤¾à¤• के कà¥à¤µà¥€à¤¤à¥œ गांव की निवासी हैं। जहां तक पहà¥à¤‚चने के लिये आज à¤à¥€ अड़किनी से ६ कि०मी० पैदल चलना पड़ता है। इनका जनà¥à¤® काली-कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ (चमà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤¤ जिले) के à¤à¤• मिरासी (लोक गायक) परिवारॠमें हà¥à¤† था। संगीत की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने गांव के देब राम और देवकी देवी और अपने पिता शà¥à¤°à¥€ रामकाली जी से ली, जो उस समय के à¤à¤• पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤Â लोक गायक थे। लोक गायन की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने पिता से ही ली। पहाड़ी गीतों में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होने वाले रागों का निरनà¥à¤¤à¤° अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने के कारण इनकी शैली अनà¥à¤¯ गायिकाओं से अलग है। विवाह के बाद इनके पति शà¥à¤°à¥€ दीवानी राम जी ने इनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ को पहचाना और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आकाशवाणी और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मेलों में गाने के लिये पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। उस समय तक कोई à¤à¥€ महिला संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ आकाशवाणी के लिये नहीं गाती थीं। à¥à¥¦ के दशक में इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पहली बार पहाड़ के गांव से सà¥à¤Ÿà¥‚डियो पहà¥à¤‚चकर रेडियो जगत में अपने गीतों से धूम मचा दी थी।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ कबूतरी देवी जी विशेषतः ऋतॠआधारित गीत (ऋतà¥à¤°à¥ˆà¤‚ण) गाया करती हैं, कबूतरी देवी जी ने जो à¤à¥€ गीत गाये वे दादी-नानी से विरासत में मिले पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से संबंधित लोकगीत थे। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ पहाड के आम जनमानस में बसे लोकगीतॊं को पहली बार उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बाहर निकाला। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आकाशवाणी के लिये लगà¤à¤— १०० से अधिक गीत गाये, उनके गीत आकाशवाणी के रामपà¥à¤°, लखनऊ, नजीबाबाद और चरà¥à¤šà¤—ेट, मà¥à¤‚बई के केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤ उन दिनों उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इन केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ तक उनके पति लेकर जाते थे, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वे नेताजी कहकर पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥€ हैं और à¤à¤• गीत की रिकारà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ २५ से ५० रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ मिलते थे। अपने पति की मृतà¥à¤¯à¥ की बाद इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आकाशवाणी के लिये और समारोहों के लिये गाना बनà¥à¤¦ कर दिया था। इस बीच इनका à¤à¤• मातà¥à¤° पà¥à¤¤à¥à¤° पहाड़ की नियतिनà¥à¤¸à¤¾à¤° पलायन कर गया और शहर का ही होकर रह गया। लेकिन पहाड़ को मन में बसाये कबूतरी जी को पहाड से बाहर जाना गवारा नहीं था।
इस कारण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने २० साल अà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¥‡à¤‚, वरà¥à¤· २००२ में नवोदय परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कला केनà¥à¤¦à¥à¤°, पिथौरागॠने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छोलिया महोतà¥à¤¸à¤µ में बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया तथा लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ कला à¤à¤µà¤‚ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शोध समिति ने अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ में समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। इसके अलावा इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पहाड संसà¥à¤¥à¤¾ ने समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। अब उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ १००० रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¹ पेंशन दे रहा है। कबूतरी जी वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पिथौरागॠमें अपनी पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के साथ रह रहीं है।
कबूतरी देवी जी को मेरा पहाड डाट काम नेटवरà¥à¤•Â अपनी हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करता है और उतà¥à¤¤à¤® सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ और लमà¥à¤¬à¥€ आयॠकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करता है।
कबूतरी देवी जी के चितà¥à¤°, वीडियो और विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी के लिये हमारे फोरम पर पधारें।
मेरे खà¥à¤¯à¤¾à¤² से गाना यसा हो-
“आज पनि à¤à¥‹à¤‚-à¤à¥‹à¤‚ à¤à¥‹à¤² पनि à¤à¥‹à¤‚-à¤à¥‹à¤‚ पोरकी त नà¥à¤¹à¥ˆ à¤à¥‹à¤‚ ला !
केइ कà¥à¤·à¤£ समà¥à¤® बà¥à¤à¤¾à¤ˆ दे मन लाइ पछि त बिराना होये à¤à¥‹à¤‚ ला !”
“पनि” नेपाली शबà¥à¤¦ हैं जिसका अरà¥à¤¥ हिंदी में “à¤à¥€” हैं
“आज पनि à¤à¥‹à¤‚-à¤à¥‹à¤‚ à¤à¥‹à¤² पनि à¤à¥‹à¤‚-à¤à¥‹à¤‚ पोरकी त नà¥à¤¹à¥ˆ à¤à¥‹à¤‚ ला !
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ समà¥à¤® बà¥à¤à¤¾à¤ˆ दे मन लाइ पछि त बिराना होये à¤à¥‹à¤‚ ला !â€
विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ जोशी जी, आपका आà¤à¤¾à¤°à¥¤ आंशिक संशोधन कर दिया गया है।
Sat sat namun
इस महान गायिका à¤à¤• विकिपिडिया नहीं है इसका अफ़सोस है
nice artical
Kabutri devi eak mahan lok gayika hai.mai unki tulna hindi gayika noorjaha se karta hu.kabutri ji ki awaaj mai eak mithas ke saath saath eak masoomiyat bhi hai.
Kabutari devi ji ka kumaoni lok geeton mai yogdaan. Hamesa yaad rahega.unhen hardik shradhanjali aur shat shat naman.
Madan pandey… Shikhar.