उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की पनचकà¥à¤•à¥€-घराट
परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आटा पीसने की पनचकà¥à¤•à¥€ का उपयोग अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है। पानी से चलने के कारण इसे “घट’ या “घराट’ कहते हैं। पनचकà¥à¤•à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: सदानीरा नदियों के तट पर बनाई जाती हैं। गूल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नदी से पानी लेकर उसे लकड़ी के पनाले में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया जाता है जिससे पानी में तेज पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो […]
वीर चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€-उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के गौरव
यों तो उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ हमेशा से वीरों की à¤à¥‚मि रहा है, इस धरती ने इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ वीरों में से कà¥à¤› परमवीर à¤à¥€ पैदा किये। जिनमें चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€ का नाम सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ कहा जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने २३ अपà¥à¤°à¥ˆà¤², १९३० को अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के निहतà¥à¤¥à¥‡ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® सेनानियों पर गोली चलाने से इनà¥à¤•à¤¾à¤° कर à¤à¤• नई कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ का सूतà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ […]