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उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में समय-समय पर कई à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पैदा हà¥à¤ हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ व अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ का लोहा मनवाया है. अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ के शà¥à¤°à¥€ पूरन चनà¥à¤¦à¥à¤° जोशी जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास में पी सी जोशी के नाम से जाना जाता है, à¤à¤• पà¥à¤°à¤–र सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® सेनानी, विचारक, लेखक, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, संगठनकरà¥à¤¤à¤¾ और राजनेता थे. पी सी जोशी का जनà¥à¤® 14 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1907 को अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ में पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ हर ननà¥à¤¦à¤¨ जोशी जी के घर पर हà¥à¤†. उनकी माता का नाम शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मालती देवी था. अलà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में ही जोशी गांधीजी के सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पारà¥à¤Ÿà¥€ की राजनैतिक गतिविधियों में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेने लगे थे. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हापà¥à¥œ के राजकीय विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से 1920 में मैटà¥à¤°à¤¿à¤• की परीकà¥à¤·à¤¾ पास की. पूरन ने 1922 में अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ के राजकीय इनà¥à¤Ÿà¤° कालेज से इनà¥à¤Ÿà¤°à¤®à¥€à¤¡à¤¿à¤¯à¥‡à¤Ÿ की परीकà¥à¤·à¤¾ पास की . संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विषय में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विशेष योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के लिये सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पदक पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया था. आगे की पढाई के लिये उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इलाहाबाद à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया जहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€, इतिहास और अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° विषयों में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• किया और1928 में à¤à¤®. à¤. करने के बाद अगले साल इलाहाबाद विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से ही à¤à¤².à¤à¤².बी. à¤à¥€ पूरी की.
इलाहाबाद में पढाई के दौरान पूरन मोतीलाल नेहरू और मदन मोहन मालवीय जैसे अगà¥à¤°à¤£à¥€ नेताओं के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में आये और जवाहर लाल नेहरू के नेतृतà¥à¤µ में ‘इलाहाबाद यूथ लीग’ नामक संगठन में शामिल हो गये. 1927 में जोशी को बà¥à¤°à¥à¤¸à¥‡à¤²à¥à¤¸ और सोवियत संघ के दौरे करने का मौका मिला जहां उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में किसानों और मजदूरों के योगदान को देखने समà¤à¤¨à¥‡ का मौका मिला. 1928 में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के कलकतà¥à¤¤à¤¾ अधिवेशन के बाद कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ की असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नीतियों से खिनà¥à¤¨ होकर उनका à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ विचार धारा की तरफ होने लगा. 1928 में ही पीसी जोशी Peasants’and Workers’Party की उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ शाखा के संयà¥à¤•à¥à¤¤ सचिव नियà¥à¤•à¥à¤¤ हà¥à¤. 1929 में मजदूरों की देशवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ हड़ताल को असफल बनाने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार ने कामगार संगठनों के नेताओं को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करके जेलों में डाल दिया. पीसी जोशी को à¤à¥€ 20 मारà¥à¤š 1929 को इलाहाबाद के हालैणà¥à¤¡ हासà¥à¤Ÿà¤² से गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया गया. सà¤à¥€ वरिषà¥à¤Ÿ नेताओं के बीच 22 साल के पीसी जोशी सबसे कम आयॠके थे. 31 मजदूर नेताओं पर मेरठमें à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ चलाया गया. मजदूरों के हक-हकूकों की मांग को सà¤à¥€ नेताओं ने तारà¥à¤•à¤¿à¤• तरीके से अदालत के सामने रखा, ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने इस मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ को à¤à¤°à¤ªà¥‚र कवरेज दी जिससे पूंजीवादी बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार के खिलाफ नेताओं की दलीलें आम जनता तक पहà¥à¤‚चने लगी. अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ कमेटी ने à¤à¥€ मोतीलाल नेहरू की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में à¤à¤• आठसदसà¥à¤¯à¥€à¤¯ “डिफेनà¥à¤¸ कमिटी†बनाकर इन मजदूर नेताओं को कानूनी मदद दी थी. महातà¥à¤®à¤¾ गांधी ने à¤à¥€ जेल में जाकर इन मजदूर नेताओं से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की. इस तरह मेरठकाणà¥à¤¡ के बहाने विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विचारधाराओं के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नेताओं को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होने का मौका मिला. मेरठके à¤à¤¡à¤¿à¤¶à¤¨à¤² जज के सामने पी.सी. जोशी ने निमà¥à¤¨ बयान दिया-
“My name is Puran Chand Joshi; my father’s name is Pandit Har Nandan Joshi. I am by caste – No cast. 24 years of age, by profession student; my hometown is at Almora, Police Station, Almora district, Almora; I reside at Almora.â€
जोशी और उनके साथियों ने मेरठमà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ में अपनी दलीलों के माधà¥à¤¯à¤® से औपनिवेशिक सरकार की सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सोच की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को उजागर किया. इस मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ के बाद जोशी à¤à¤• बेहतरीन लेखक के रूप में उà¤à¤° कर सामने आये. राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° के नेताओं की नजर में आने के बाद सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ सोच और अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ संगठन कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ के बल पर 28 साल की अवसà¥à¤¥à¤¾ में जोशी को आल इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ पारà¥à¤Ÿà¥€ का अखिलà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संगठन खड़ा करने की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का मौका मिला. जून1937 में पीसी जोशी को CPI का जनरल सेकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ चà¥à¤¨à¤¾ गया , वो इस पद पर 1948 तक बने रहे. पी.सी. जोशी के कà¥à¤¶à¤² नेतृतà¥à¤µ में पारà¥à¤Ÿà¥€ ने अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की. जोशी के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में देश के विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•à¤°à¥à¤®à¥€, लेखक, शायर, लोक कलाकार, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ CPI में शामिल हà¥à¤. जोशी ने देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ से विशà¥à¤¦à¥à¤§ लोक कलाकारों को ससमà¥à¤®à¤¾à¤¨ पारà¥à¤Ÿà¥€ की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ में शामिल किया. लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में छिपे à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ और सामाजिक सौहारà¥à¤¦ के मूल ततà¥à¤µ को समठकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसे मंच पर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करने के लिये लोककलाकारों को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया. ईपà¥à¤Ÿà¤¾ “Indian Peoples Theatre Associationâ€à¤œà¥ˆà¤¸à¥‡ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जनवादी रंगमंच समूह को तैयार करने में जोशी का विशेष योगदान था. जोशी की कà¥à¤¶à¤² संगठनकà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ और मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प Progressive Writer’s Association (PWA) से कई लेखक जà¥à¥œà¥‡, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पूरे समाज को à¤à¤• नयी दिशा दी. पी.सी. जोशी अलग-अलग धड़ों में काम कर रहे कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ विचारधारा के लोगों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करने में सफल रहे. उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ National Front नामक समाचार पतà¥à¤° कामगारों, किसानों , यà¥à¤µà¤¾ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ और सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® सेनानियों के लिये à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पतà¥à¤° बनकर उà¤à¤°à¤¾.
1942 के बाद “à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤›à¥‹à¤¡à¥‹ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨â€à¤®à¥‡à¤‚ शामिल न होने के कारण कमà¥à¤¯à¥‚निसà¥à¤Ÿ पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था, इस समय जोशी अपने दल के लोगों को के साथ “बंगाल के अकालâ€à¤¸à¥‡ जूठरहे लोगों की सेवा में जी-जान से जà¥à¤Ÿ गये. बंगाल में à¤à¥à¤–मरी के कारण सड़कों पर लाखों लोग तड़पते हà¥à¤ दम तोड़ रहे थे. दà¥à¤°à¥à¤à¤¿à¤•à¥à¤· के कारण हजारों औरतें अपनी देह बेचने को मजबूर होने लगीं तो जोशी के सहयोग से महिलाओं का à¤à¤• सशकà¥à¤¤ संगठन खड़ा हà¥à¤†, जिसका नाम था महिला आतà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ समिति (MARS). कामरेड पी.सी. जोशी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ दलों ने “à¤à¥‚खा है बंगालâ€à¤¨à¤¾à¤® से à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाया. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ 6 हफ़à¥à¤¤à¥‹à¤‚ तक बंगाल में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• अकालगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ इलाकों में रहकर राहत शिविर संचालित किये. जोशी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बंगाल दà¥à¤°à¥à¤à¤¿à¤•à¥à¤· पर à¤à¤• परà¥à¤šà¤¾ निकाला, जिसका शीरà¥à¤·à¤• था- Who Lives if Bengal Dies? इस परà¥à¤šà¥‡ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जमाखोरों औरपूंजीपतियों को लताड़ा और संकट की इस घड़ी में देश à¤à¤° के हिनà¥à¤¦à¥‚-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होने की अपील की. जोशी के अथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प बंगाल का अकाल à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾ के रूप में सामने आया , जोशी ने अनà¥à¤¯ दलों के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° के नेताओं को à¤à¥€ अपनी इस मà¥à¤¹à¤¿à¤® में शामिल किया. बंगाल के लोगों का दà¥à¤–-दरà¥à¤¦ देशवासियों के सामने रखने के लिये और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• मदद जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के लिये कामरेड जोशी ने उस समय के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤¤ रंगमंच कलाकारों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ किया और “अनà¥à¤¤à¤¿à¤® अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾â€ नाम का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नाटक तैयार किया गया. इस नाटक के माधà¥à¤¯à¤® से बंगाल के लोगों की पीड़ा को देखने के बाद देश à¤à¤° के लोगों ने दिल खोल कर दान दिया. इस पैसे से कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ पारà¥à¤Ÿà¥€ ने बंगाल में 700 सामूहिक रसोइयां संचालित कीं, जिनमें पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¤• लाख से अधिक लोग à¤à¥‹à¤œà¤¨ करते थे. दाने-दाने को तड़प रहे बंगाल के गरीब लोगों के लिये इससे बड़ी राहत और कà¥à¤¯à¤¾ हो सकती थी!
जलà¥à¤¦à¥€ ही कामरेड पी.सी. जोशी पूरे देश के कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के अगà¥à¤°à¤£à¥€ और लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ नेता बन गये. देशà¤à¤° में जहां à¤à¥€ किसानों, कामगारों, छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ औरमहिलाओं के संघरà¥à¤· उपजे कामरेड जोशी उसे समरà¥à¤¥à¤¨ और ऊरà¥à¤œà¤¾ देने के लिये वहां उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे. à¤à¤• तरफ उनके कà¥à¤¶à¤² मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में ईपà¥à¤Ÿà¤¾ “Indian Peoples Theatre Association†देशà¤à¤° की लोककलाओं को मंच पर लाकर à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ फैलाने का काम कर रही थी, वहीं National Front, People’s War और People’s Age जैसे मà¥à¤–पतà¥à¤° देशà¤à¤° के लोगों को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ और कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤œà¥à¤® के विचारों से जोड़ रही थीं. जोशी ने पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाने के लिये पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की यातà¥à¤°à¤¾ की औरसमाज के अनà¥à¤¤à¤¿à¤® वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ बैठकर उसकी जीवन-शैली, दिनचरà¥à¤¯à¤¾ व कठिनाइयों को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ किया. आजादी के संघरà¥à¤· के दौरान ही कामरेड पी.सी. जोशी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग की देश विघटन की मंशा à¤à¤¾à¤‚प चà¥à¤•à¥‡ थे. जोशी ने उसी दौर में सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नेताओं के सामने à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सरकार का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ रखा जिसमें हिनà¥à¤¦à¥‚ महासà¤à¤¾ -मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग मà¥à¤–à¥à¤¯ घटक हों और कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ व-कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ पारà¥à¤Ÿà¥€ उसे बाहर से समरà¥à¤¥à¤¨ दें. यदि जोशी के इस सà¥à¤à¤¾à¤µ पर गमà¥à¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से विचार किया जाता तो शायद देश विà¤à¤¾à¤œà¤¨ से बच जाता. 1947 में जैसे ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° हà¥à¤†, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ पारà¥à¤Ÿà¥€ के अगà¥à¤°à¤£à¥€ नेताओं के बीच गमà¥à¤à¥€à¤° मतà¤à¥‡à¤¦ पैदा हो गये. कामरेड पी. सी. जोशी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया लेकिन पारà¥à¤Ÿà¥€ के अनà¥à¤¯ वरिषà¥à¤Ÿ नेताओं ने देश की आजादी को “à¤à¥‚ठी आजादी†माना और कà¥à¤› विदेशी कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के सà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जोशी को पारà¥à¤Ÿà¥€ से निषà¥à¤•à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ कर दिया गया. जोशी पर यह à¤à¥€ आरोप लगाया गया कि वो कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के वरिषà¥à¤Ÿà¤¤à¤® नेताओं के करीबी हैं इसलिये à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सशसà¥à¤¤à¥à¤° कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ को अपना समरà¥à¤¥à¤¨ नहीं दे रहे हैं. जोशी ने आजादी के बाद देश में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤°à¥‚प कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤œà¥à¤® की नयी विचारधारा विकसित करने की à¤à¤°à¤¸à¤• कोशिश की लेकिन पोलित बà¥à¤¯à¥‚रो के अनà¥à¤¯ सदसà¥à¤¯ सोवियत संघ और चीन के कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ नेताओं के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में आ चà¥à¤•à¥‡ थे और जोशी उसी पारà¥à¤Ÿà¥€ में अकेले पड़ते गये जिसकी सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ उनके ही पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ तरीके से 50 से 90,000 तकपहà¥à¤‚ची थी. लेकिन कई उतार चढावों के बावजूद जोशी आजनà¥à¤® अपनी पारà¥à¤Ÿà¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहे. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ à¤à¥€ अलग पारà¥à¤Ÿà¥€ या पारà¥à¤Ÿà¥€ के अनà¥à¤¦à¤° अलग गà¥à¤Ÿ बनाने की कोशिश नहीं की. लेकिन जोशी के जाने से CPI को मिलने वाले जनसमरà¥à¤¥à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¥€ कमी आई और पारà¥à¤Ÿà¥€ की सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ दो सालों में ही आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• रूप से 90,000 से 9,000 पर आ पहà¥à¤‚ची. बाद के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में कई वरिषà¥à¤Ÿ कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ नेताओं ने à¤à¥€ इस बात को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया कि जोशी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ का जो आंकलन किया था पारà¥à¤Ÿà¥€ को उस पर गमà¥à¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से मंथनकरना चाहिये था. जोशी को 1951 में पà¥à¤¨: पारà¥à¤Ÿà¥€ में वापस ले लिया गया लेकिन उसके बाद जोशी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पारà¥à¤Ÿà¥€ के शकà¥à¤¤à¤¿ केनà¥à¤¦à¥à¤° से दूर बने रहे. जोशी ने बंगाल की मशहूर विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ नेतà¥à¤°à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ दतà¥à¤¤ से शादी की.
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ की मांग को उठाने वाले लोगों में कामरेड पी. सी. जोशी à¤à¥€ थे. उनका मानना था कि विशिषà¥à¤Ÿ à¤à¥Œà¤—ोलिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ औरअलग संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के लोगों के लिये पृथक राजà¥à¤¯ होना ही चाहिये. राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤• बड़े वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में उà¤à¤° चà¥à¤•à¥‡ कामरेड जोशी को पहाड़ों से बड़ा लगा व था. वो समय-समय पर अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ आते थे और जिले के गांवों की पैदल यातà¥à¤°à¤¾ करते थे. à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¤• पैदल यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान 1955 में à¤à¤• शाम पी.सी. जोशी अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ के नौगांव में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª सिंह बिषà¥à¤Ÿ के घर पर रà¥à¤•à¥‡ उनके दल में मोहन उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ à¤à¥€ थे जो अलà¥à¤®à¥‹à¥œà¤¾ शहर में रहते थे और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की लोककलाओं के बारे में अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž थे. उस शाम रीठागाड़ के लोककलाकार मोहन सिंह बोरा (मोहन सिंह रीठागाड़ी) ने इन लोगों को कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ की पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• लोककथाà¤à¤‚ और लोक गीतों से मनà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया. मोहन उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ का पहली बार कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ की वैà¤à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ लोकसंगीत से परिचय हà¥à¤†. रीठागाड़ी से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ ने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के लोकसंगीत को ही अपने जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯ चà¥à¤¨à¤¾, आगे चलकर मोहन उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ लोकपरमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के महान संवाहक बने और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसे अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर पहà¥à¤‚चा दिया. हृदय की बीमारी के कारण कई अधूरे सपने दिल में लेकर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का यह सचà¥à¤šà¤¾ सपूत 9 नवमà¥à¤¬à¤° 1980 को इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से चला गया. à¤à¤• आदरà¥à¤¶ कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ, सचà¥à¤šà¥‡ देशà¤à¤•à¥à¤¤, समाजसेवक, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° और सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¸ सेनानी के साथ-साथ जोशी के कई और पहलू à¤à¥€ थे, जिनसे दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का परिचय होना शेष है.
Reference : P. C. Joshi – A Biography (Writer – Gargi Chakravartty, Publisher – National Book Trust)
लेखक- शà¥à¤°à¥€ हेम पनà¥à¤¤
[…] याद करने की किसी को फà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤ नहीं हà¥à¤¯à¥€à¥¤ कामरेड पी०सी० जोशी, ऋषिवलà¥à¤²à¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤², तà¥à¤°à¥‡à¤ªà¤¨ सिंह […]
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