Uttarakhand Encyclopedia : उत्तराखण्ड ज्ञानकोष अपना उत्तराखण्ड आइये, जाने, समझें और जुडें अपने पहाड़ से, अपने उत्तराखण्ड से मेरा पहाड़ फोरम तब नहीं तो अब गैरसैंण, अब नहीं तो कब गैरसैंण राजधानी से कम मंजूर नहीं

2 responses to “कुमाऊनी-गढ़वाली को मिले उत्तराखण्ड की ’द्वितीय भाषा’ का दर्जा”

  1. लिपि कोई मजबूरी नहीं

    […] का लेख  तथा चौथी कड़ी में साहित्यकार श्री पूरन चन्द्र कांडपाल जी का लेख एवं पांचवीं कड़ी में साहित्यकार […]

  2. kundan

    उत्तराखण्ड पर जो भी पुस्तकें लिखी जाती हैं, उन्हें कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी में भी लिखा जाना चाहिये।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.