अशोक मल्ल: उत्तराखण्डी सिनेमा के महानायक
अशोक मल्ल उत्तराखण्डी सिनेमा का एक जाना माना नाम है। उत्तराखण्डी सिनेमा के शुरुआत से वर्तमान तक अशोक मल्ल ने जो तपस्या की, वह अतुलनीय है। 17 अक्टूबर, 1958 को पिथौरागढ के धपड़पट्टा में श्री मोहन सिंह मल्ल और श्रीमती चन्द्रकला देवी जी के घर में इनका जन्म हुआ। मिशन इण्टर कालेज, पिथौरागढ से इण्टर […]
लिपि कोई मजबूरी नहीं
(उत्तराखण्ड में स्थानीय भाषाओं को लेकर एक नई बहस शुरू हुई है। स्थानीय जरूरतों और विकास के लिए इसको प्रोत्साहन देने की टुकड़ों में बातें होती रही हैं। राज्य में बोली जाने वाली मुख्यत: तीन बोलियों कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की बात भी उठती रही है। इन […]
भाषायें बहता हुआ दरिया हैं
(उत्तराखण्ड में स्थानीय भाषाओं को लेकर एक नई बहस शुरू हुई है। स्थानीय जरूरतों और विकास के लिए इसको प्रोत्साहन देने की टुकड़ों में बातें होती रही हैं। राज्य में बोली जाने वाली मुख्यत: तीन बोलियों कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की बात भी उठती रही है। इन […]