वीर चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€-उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के गौरव
यों तो उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ हमेशा से वीरों की à¤à¥‚मि रहा है, इस धरती ने इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ वीरों में से कà¥à¤› परमवीर à¤à¥€ पैदा किये। जिनमें चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€ का नाम सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ कहा जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने २३ अपà¥à¤°à¥ˆà¤², १९३० को अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के निहतà¥à¤¥à¥‡ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® सेनानियों पर गोली चलाने से इनà¥à¤•à¤¾à¤° कर à¤à¤• नई कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ का सूतà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ […]
चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह राही: उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• थाती
(सà¥à¤µà¥¦ चनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह राही जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, वह किसी बोली à¤à¤¾à¤·à¤¾ से हटकर पूरे उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के गà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¾ और लोककरà¥à¤®à¥€ थे। दिनांक १० जनवरी को उनकी पà¥à¤£à¥à¤¯ तिथि पर याद कर रहे हैं, वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€ चारॠतिवारी जी) रात के साà¥à¥‡ बारह बजे उनका फोन आया। बोले, ‘तà¥à¤¯à¤¾à¥œà¤œà¥à¤¯à¥‚ सै गै छा […]