उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• विरासत है कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚नी रामलीला
à¤à¤—वान राम की कथा पर आधारित रामलीला नाटक के मंचन की परंपरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में यà¥à¤—ों से चली आयी है। लोक नाटà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ इस रामलीला का देश के विविध पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में अलग अलग तरीकों से मंचन किया जाता है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ खासकर कà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ं अंचल में रामलीला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¯à¤¾ गीत-नाटà¥à¤¯ शैली में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की जाती है। […]
गिरà¥à¤¦à¤¾ का जाना à¤à¤• यà¥à¤— का अवसान है
विगत २२ अगसà¥à¤¤, २०१० को हमारे गिरà¥à¤¦à¤¾ हमसे हमेशा के लिये दूर चले गये। गिरीश चनà¥à¤¦à¥à¤° तिवारी उरà¥à¤« गिरà¥à¤¦à¤¾ मेरा पहाड़ परिवार के लिये à¤à¤• अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• की तरह थे, उनके जाने से हमने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• को खो दिया है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ या आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ पर जैसे ही हम कोई लेख तैयार कर रहे होते तो किसी चीज […]
राग और रंग का अनूठा संगम : कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ की बैठकी होली
होली का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° रंगों का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है,धूम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। लेकिन उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ मणà¥à¤¡à¤² में होली रंगो के साथ-साथ रागों के संगम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। इसे अनूठी होली कहना à¤à¥€ अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां होली सिरà¥à¤« रंगो से ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ रागों से à¤à¥€ खोली जाती है। पौष माह के पहले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से […]