पहाड़ की होली का à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¹à¤£à¥€à¤¯ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ
होली à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° है, जिसने बदलते दौर में अपना सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¥€ बदला है और उसका विसà¥à¤¤à¤¾à¤° à¤à¥€ हà¥à¤† है। हिंदी पटà¥à¤Ÿà¥€ में यह सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से रंग-गà¥à¤²à¤¾à¤², मसà¥à¤¤à¥€ और पकवानों का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° रहा है, लेकिन पूरà¥à¤µà¥€ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और बिहार में होली का वह गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£-गंवई रूप अब कमोबेश लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो रहा है। यहां के […]
राग और रंग का अनूठा संगम : कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ की बैठकी होली
होली का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° रंगों का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है,धूम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। लेकिन उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ मणà¥à¤¡à¤² में होली रंगो के साथ-साथ रागों के संगम का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। इसे अनूठी होली कहना à¤à¥€ अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां होली सिरà¥à¤« रंगो से ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ रागों से à¤à¥€ खोली जाती है। पौष माह के पहले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से […]