ये आकाशवाणी है , अब आप देवकीनंदन पाणà¥à¤¡à¥‡ से समाचार सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‡
किसी ज़माने में रेडियो सेट से गूà¤à¤œà¤¤à¤¾ ये सà¥à¤µà¤° घर-घर का जाना-पहचाना होता था। ये थे देवकीनंदन पाणà¥à¤¡à¥‡ अपने ज़माने के जाने-माने समाचार वाचक। अपने जीवन काल में ही पाणà¥à¤¡à¥‡à¤œà¥€ समाचार वाचन की à¤à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ बन गठथे। उनके समाचार पढ़ने का अंदाज़, उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾, सà¥à¤µà¤° की गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ और गà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾ और पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग अनà¥à¤°à¥‚प उतार-चढ़ाव […]
महान à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤µà¤¿à¤¦ डा० डी डी पनà¥à¤¤: उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की धरोहर
डा० डी०डी० पनà¥à¤¤, जिनका पूरा नाम देवी दतà¥à¤¤ पनà¥à¤¤ था, उनका जनà¥à¤® आज के पिथौरागढ जिले के गणाईगंगोली से आगे बनकोट के पास à¤à¤• गांव देवराड़ी पनà¥à¤¤ में 14 अगसà¥à¤¤, 1919 को शà¥à¤°à¥€ अमà¥à¤¬à¤¾ दतà¥à¤¤ पनà¥à¤¤ जी के घर जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ इनके पिता à¤à¤• वैदà¥à¤¯ थे, कà¥à¤¶à¤¾à¤—à¥à¤° बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के पनà¥à¤¤ जी को हाईसà¥à¤•à¥‚ल के लिये […]