Forest Fire in Uttarakhand
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में जंगलों की इस बार की आग 1921 या 1995 की आग की याद दिला रही है। 1921 में वन और बेगार आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ चले हà¥à¤¯à¥‡ थे और 1995 में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥¤ इस बार चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का दौर है। छोटे-बड़े नेता चà¥à¤¨à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° में लगे हैं तो पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ की तैयारी में। बड़े-बड़े नेताओं का छोटापन इससे सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दावानल का जिकà¥à¤° तक नहीं किया। छोटे नेताओं का निकमà¥à¤®à¤¾à¤ªà¤¨ इससे उजागर होता है कि वे अपने नेताओं को दावानल की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से परिचित ही नहीं करा सके।
वरना चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के समय तो वे à¤à¤• मार कर इस बाबत बोलते। इस सबके ऊपर बà¥à¤¤à¤¾ तापमान, लगातार सूखा, लोगों की आंशिक उदासीनता और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ तथा जंगलात विà¤à¤¾à¤— की कम तैयारी जैसै कारण दावानल के फैलने में योगदान देने को तैयार बैठे थे।
नौ मई तक पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के जंगलों में आगजनी की 1270 घटनायें हो चà¥à¤•à¥€ हैं और 3107 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° जंगल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जला और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† है। जंगलात विà¤à¤¾à¤— के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आग लगने की 80 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ घटनायें आबादी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के पास हà¥à¤ˆ हैं। à¤à¤µà¤¾à¤²à¥€ के पास फरसौली में आग के घिर जान के कारण गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ लाली और नौ साल की उसकी बहिन दीपा काल कवलित हो गये।