उत्तराखण्ड के रचनात्मक युवाओं की संस्था ’क्रियेटिव उत्तराखण्ड-म्यर पहाड़’ द्वारा समय-समय पर उत्तराखण्ड की महान विभूतियों पर पोस्टर जारी किये जाते रहे हैं, साथ ही उत्तराखण्ड की सामाजिक, आर्थिक, लोककला, संस्कृति, इतिहास, पर्यटन आदि विषयों पर पुस्तकें भी प्रकाशित की जाती रही हैं। इसी क्रम में मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर इस संस्था द्वारा बागेश्वर के ऐतिहासिक सरयू बगड़ पर बागेश्वर के उत्तरायणी मेले पर केन्दित स्मारिका ’हमरि विरासत’ का विमोचन किया गया। जिसमें बागेश्वर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक इतिहास के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में बागेश्वर के योगदान को समाहित किया गया है। यहां पर बताते चले कि बागेश्वर का स्वतंत्रता संग्राम और उत्तराखण्ड के विभिन्न जन आंदोलनों में विशेष योगदान रहा है, १९२१ में अंग्रेजों के विरुद्ध कुली बेगार आन्दोलन का सूत्रपात यहीं से हुआ। इसके अतिरिक्त अनेकों जन आन्दोलनों का प्रेरणास्रोत और साक्षी यहां का उत्तरायणी मेला रहा है। संभवतः यही एक ऐसा मेला होगा, जिसमें राजनीतिक दलों और जन संगठनों की उपस्थिति होती है। कहा जा सकता है कि बागेश्वर का उत्तरायणी कौतिक सांस्कृतिक आयोजन ही न होकर विचारों का भी मेला है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों या संगठनों के विचारों से जनता परिचित होती है।
इस साल मकर संक्रान्ति के अवसर पर म्यर पहाड़ संस्था द्वारा स्मारिका के अतिरिक्त बागेश्वर जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, यथा- श्री बद्री दत्त पाण्डे, श्री हर गोबिन्द पन्त, श्री मोहन सिंह मेहता, श्रीमती विश्नी देवी शाह एवं श्रीमती तुलसी रावत के पोस्टरों का विमोचन किया गया। साथ ही एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैंण हेतु संघर्ष की रुपरेखा पर विचार किया गया। इस विचार गोष्ठी में स्थानीय लोगों ने बहुत गर्मजोशी से प्रतिभाग किया और म्यर पहाड़ के इस प्रयास को सराहा। गोष्ठी को उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के वरिष्ठ नेता श्री काशी सिंह ऐरी, उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० नारायण सिंह जंतवाल, उत्तराखण्ड महिला मंच की अध्यक्ष श्रीमती कमला पन्त, उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष श्री पी०सी० तिवारी, उत्तराखण्ड लोक वाहिनी के अध्यक्ष डा० शमशेर सिंह बिष्ट, नैनीताल समाचार के सम्पादक श्री राजीव लोचन शाह, बागेश्वर-टनकपुर रेल मार्ग बनाओ समिति के अध्यक्ष श्री गुसांई सिंह दफौटी, उक्रांद के विधायक पुष्पेश त्रिपाठी सहित अनेक लोगों ने सम्बोधित किया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि म्यर पहाड़ द्वारा प्रकाशित पुस्तक और पोस्टर धरोहर के रुप में साबित होंगी। म्यर पहाड़ के इस रचनात्मक कदम की सराहना करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में जहां एक ओर नई पीढी अपनी विरासत को भूलती जा रही है, ऐसी स्थिति में क्रियेटिव उत्तराखण्ड द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण जनान्दोलनों का नेतृत्व कर चुके इन वक्ताओं ने “क्रिएटिव उत्तराखण्ड” के सदस्यों को गैरसैंण राजधानी के संघर्ष में विश्व के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों का समर्थन इन्टरनेट के माध्यम से जुटाने का सुझाव भी दिया। सभी वक्ताओं ने “क्रिएटिव उत्तराखण्ड – म्यर पहाड़” द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि यह संगठन पिछली पीढियों के जनसंघर्षों को जारी रखते हुए युवा प्रवासी उत्तराखण्डियों को पहाड़ के विकास से जोड़ने में इसी तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। बागेश्वर जिले के प्रबुद्धजनों ने इस विचार गोष्ठी में हिस्सा लिया और रेलमार्ग संघर्ष समिति को दिल्ली प्रदर्शन के दौरान “क्रिएटिव उत्तराखण्ड” के दिल्ली के सदस्यों द्वारा दिये गये स्थानीय सहयोग के लिये आभार प्रकट किया। संघर्ष समिति फरवरी के महीने में भी दिल्ली में पुन: प्रदर्शन करने जा रही है, जिसमें “क्रिएटिव उत्तराखण्ड” के सदस्य भी भाग लेंगे।
दिल्ली व रुद्रपुर से आई इस टीम में “क्रिएटिव उत्तराखण्ड – म्यर पहाड़” के सर्वश्री चारू तिवारी, दाताराम चमोली, दयाल पाण्डे, मोहन बिष्ट, धीरज अधिकारी, प्रताप नेगी, शेखर शर्मा, हेम पन्त व सुबोध मिश्रा ने हिस्सा लिया. इस पूरी यात्रा, विमोचन और विचार गोष्ठी के सफल आयोजन में उत्तराखण्ड की अग्रणी पाक्षिक पत्रिका “जनपक्ष आजकल”, म्योर उत्तराखण्ड ग्रुप, प्रेस क्लब बागेश्वर और बागेश्वर-टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति का विशेष योगदान रहा
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very good report, requesting for addition of 15th Jan & 16th Jan 2010 report also
Thank you
nice work…great
my good wishes with u all
very good report of bageshwar uttarayani fair