पहाड़ की होली का à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¹à¤£à¥€à¤¯ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ
होली à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° है, जिसने बदलते दौर में अपना सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¥€ बदला है और उसका विसà¥à¤¤à¤¾à¤° à¤à¥€ हà¥à¤† है। हिंदी पटà¥à¤Ÿà¥€ में यह सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से रंग-गà¥à¤²à¤¾à¤², मसà¥à¤¤à¥€ और पकवानों का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° रहा है, लेकिन पूरà¥à¤µà¥€ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और बिहार में होली का वह गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£-गंवई रूप अब कमोबेश लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो रहा है। यहां के […]
à¤à¤•à¥à¤¤ दरà¥à¤¶à¤¨, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• विà¤à¥‚ति
à¤à¤•à¥à¤¤à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ का जनà¥à¤® 12 फरवरी 1912 को गोपाल सिंह रावत के घर हà¥à¤†à¥¤ आपका मूल गाà¤à¤µ था, à¤à¥Œà¤°à¤¾à¤¡à¤¼, पटà¥à¤Ÿà¥€ साà¤à¤¬à¤²à¥€, पौड़ी गढ़वाल। समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ जॉरà¥à¤œ पंचम के राजà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ वरà¥à¤· में पैदा होने के कारण उनके पिता ने उनका नाम राजदरà¥à¤¶à¤¨ रखा था, परनà¥à¤¤à¥ राजनीतिक चेतना विकसित होने के बाद जब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने नाम से गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की […]