We have shared a story of forest fire with you written by Dr. Sekhar Pathak , where he mentioned the role of society in saving forests.
“
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लोग पिछले 150 साल से विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जंगलों की आग बà¥à¤à¤¾à¤¤à¥‡ रहे हैं। जंगल सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ तथा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के दौर में चीड़ के जंगलों तथा लीसे के डिपों में आग à¤à¥€ लगाई गई थी। लेकिन तब से लेकर आज तक लोगों ने संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ जंगलों की आग à¤à¥€ बà¥à¤à¤¾à¤ˆ है।â€
You must have read about the famous Chipko Movement. This shows the dedication of Uttarakhandi people towards their Jungle. Now even researchers suggest the same.
आम आदमी के जीवन में जंगलों की अहमियत जाननी हो तो उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आदरà¥à¤¶ जगह हो सकती है। वनों को बचाने के लिठयहां लोग जिंदगी तक दांव पर लगा देते हैं। हाल ही में पौड़ी गढ़वाल जिले में कà¥à¤› लोग वनागà¥à¤¨à¤¿ को बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठअपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿ दे चà¥à¤•à¥‡ हैं। कहने की जरूरत नहीं कि वन पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन का जैसा जजà¥à¤¬à¤¾ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ में है, वैसा वन महकमे में नहीं।
सेटेलाइट से मिले चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ के वनों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लगाव को पà¥à¤·à¥à¤Ÿ किया है। इन चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से यह साफ हो गया कि जितनी बेहतरीन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ वन पंचायत के अधीन आने वाले जंगलों की ही, उतनी ही बदतर हालत वन महकमे के इलाकों की है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और à¤à¤• गैर सरकारी संसà¥à¤¥à¤¾ अशोका टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ फॉर रिसरà¥à¤š इन इकोलॉजी à¤à¤‚ड à¤à¤¨à¤µà¤¾à¤¯à¤°à¤®à¥‡à¤‚ट ने संयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के 271 गांवों में वन पंचायतों के अधीन जंगलों का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया है। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में यह तथà¥à¤¯ सामने आया कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड सरकार वनों पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ वन पंचायतों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में सात से नौ गà¥à¤¨à¤¾ अधिक खरà¥à¤š करती है। यह अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अमेरिका की शोध पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ ‘पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥€à¤¡à¤¿à¤‚गà¥à¤¸ ऑफ नेशनल à¤à¤•à¥‡à¤¡à¤®à¥€ आफ साइंसेज’ के ताजा अंक में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† है। मालूम हो कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में 6,069 वन पंचायतें 405,426 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन करती हैं, जो पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कà¥à¤² वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का 13.63 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ है। रिपोरà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सेटेलाइट चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ से यह तथà¥à¤¯ à¤à¥€ सामने आया कि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के वन घनतà¥à¤µ के हिसाब से à¤à¥€ सरकारी वनों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बेहतर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हैं। यही नहींउनमें गिरावट à¤à¥€ सरकारी वनों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कम आई है। रिपोरà¥à¤Ÿ के लेखक व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• ई. सोमनाथन के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सरकार वनों की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठफॉरेसà¥à¤Ÿ गारà¥à¤¡ और लंबा चौड़ा सरकारी अमला रखती है, उनकी तनखà¥à¤µà¤¾à¤¹ पर खरà¥à¤š करती है। वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के नाम पर वाहनों का अंधाधà¥à¤‚ध इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² होता है। वहीं वन पंचायतों जैसे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ जरूरत के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤• वन चौकीदार रख लेती हैं। जरूरत होने पर वन पंचायत का सदसà¥à¤¯ à¤à¥€ चौकीदारी कर सकता है। इस तरह से वन पंचायतों का वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पर खरà¥à¤š नà¥à¤¯à¥‚नतम सà¥à¤¤à¤° पर आ जाता है।
See this video where Government run machinery is getting equipped with latest devices but those Uttarakhandi who are really saving forest without any such training who is thinking of them.
Or click here
You get the daily information on some major happening of Uttarakhand through this column. If you don’t want to miss it, you can get the same in your e-mail. Please subscribe our feed by clicking on right side column at our home page. You can leave your comments here or you can take the part in Uttarakhand related discussions at our forum.
For being a member of our forum click here.
You get the daily information on some major happening of Uttarakhand through this column. If you don’t want to miss it, you can get the same in your e-mail. Please subscribe our feed by clicking on right side column at our home page. You can leave your comments here or you can take the part in Uttarakhand related discussions at our forum.
For being a member of our forum click here.
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में इस वरà¥à¤· वनागà¥à¤¨à¤¿ ने १० ( पौडी के à¤à¤• गांव में आग बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ गठ५ लोग सà¥à¤ªà¤¾à¤Ÿ पर ही शहीद हो गठऔर २ की असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में मृतà¥à¤¯à¥ हो गयी, टिहरी की à¤à¤• वृदà¥à¤§ महिला की आग बà¥à¤à¤¾à¤¤à¥‡ समय मृतà¥à¤¯à¥ हो गयी और अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¾/नैनीताल के जंगलों में लगी आग से à¤à¤• गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ महिला के साथ उसकी सगी बहन की à¤à¥€ मौत हो गयी )जाने ले ली और लगà¤à¤— ३५०० हैकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° वन जला कर ख़ाक हो गया| सरकारे न जाने कब चेतेगी? आज के सूचना कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दौर में यह हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ ही लगता है कि राजà¥à¤¯ सरकार का अंतरिकà¥à¤· सूचना केंदà¥à¤° से कोइ संपरà¥à¤• ही नहीं है, उपगà¥à¤°à¤¹ से इसकी तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ ली जा सकती है और आग को बà¥à¤à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है, आग बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठनई टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¤¾à¤œà¥€ के उपकरण लिठजा सकते है, सरकार पहल तो करे……….!
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² 53,483 वरà¥à¤— कि०मी० है, इसमें 34650 वरà¥à¤— किमी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ इतने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में जंगल है। जिसमें 46.07 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ आरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वन, 18.48 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वन, 35.2 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ गैर वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° व 0.25 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में निजी वन हैं। कà¥à¤² वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² का 15.73 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° वन पंचायतों के अधीन है। जबकि राजसà¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— के पास 13.76 फीसदी, वन विà¤à¤¾à¤— के अधीन 70.05 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ व अनà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के अधीन 0.46 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° हैं। इसके अलावा 626321 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ वन व 598585 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° खाली है।
राजà¥à¤¯ में सबसे अधिक 399329 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में चीड़ के जंगल हैं। जो कि आग लगने के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारक हैं, चीड़ के पेड़ à¤à¤• तो जमीन की नमी को सोख देते हैं और इसका फैलाव इतना तेज होता है कि १-२ साल में ही पूरे जंगल में यह ही छा जाता है। सड़क के किनारे ही इन पेड़ों को लगाया जाना चाहिये ताकि ये मिटà¥à¤Ÿà¥€ को पकड़ लें और नमी सोख लें, जिससे à¤à¥‚-सà¥à¤–लन का खतरा थोड़ा कम हो सकता है। इसके अतिरिकà¥à¤¤ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में जहां कहीं à¤à¥€ चीड़ के जंगल हैं, उनका नियोजित कटान कर उसके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर चौड़ी पतà¥à¤¤à¥€ वाले पेड़ और ऊंचाई की जगहों में इनà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤°à¤®à¥‡à¤‚ट और पीपà¥à¤² फà¥à¤°à¥‡à¤‚डली पेड़, बांज, बà¥à¤°à¤¾à¤‚स, काफल, उतीस, देवदार, तà¥à¤¨, फलà¥à¤¯à¤¾à¤‚ट आदि का रोपण किया जाना चाहिये। मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ और चौड़ी पतà¥à¤¤à¥€ वाले जंगलों की जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होती है।
I love my uttrakhand because I am from Almora, Manilla, Near Quaralla, U.A.
I have visit many times their and I love Mera Pahad.
<
Verry good knowledge for uttaranchal trees. Fona&flora (special thank.s team)
R S Bisht
vill. manaon
post .gewapani
distt. almora
UK
Email- rsbisht42singh@gmail.com