टिंचरी माई उरà¥à¤« इचà¥à¤›à¤¾à¤—िरि माई : à¤à¤• जीवट वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ
 शिकà¥à¤·à¤¾, मदà¥à¤¯ निषेध तथा अनेक सामाजिक गतिविधियों से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§Â टिंचरीमाई उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• सà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤šà¤¿à¤¤ महिला थी। पौड़ी गà¥à¤µà¤¾à¤² के थलीसैंण कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के मनà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚र गांव के रामदतà¥à¤¤ नौटियाल के घार जनà¥à¤®à¥€ ननà¥à¤¹à¥€à¤‚ दीपा की जीवन यातà¥à¤°à¤¾Â उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की नारी के उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨, सामाजिक कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा विसंगतियों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ लड़ी गई लड़ाई और साहस का अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ उदाहरण […]