गंगोतà¥à¤°à¥€ गरà¥à¤¬à¥à¤¯à¤¾à¤² : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की अथक समाजसेवी महिला
सीमांत पà¥à¤°à¤¾à¤‚तर पिथौरागॠके धारचूला में साà¥à¥‡ दस हजार फीट की ऊंचाई पर बसे गरà¥à¤¬à¥à¤¯à¤¾à¤‚ग गांव की गंगोतà¥à¤°à¥€ गरà¥à¤¬à¥à¤¯à¤¾à¤² शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपनी विशिषà¥à¤Ÿ सेवाओं के कारण 1964 राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डा० सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधाकृषà¥à¤£à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆà¥¤ जिसका शà¥à¤°à¥‡à¤¯ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जनà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को ही दिया था। इनका जनà¥à¤® ९ दिसमà¥à¤¬à¤°, १९१८ में हà¥à¤† था, […]
कैपà¥à¤Ÿà¤¨ राम सिंह: राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान के धà¥à¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾
आजाद हिनà¥à¤¦ फौज के सिपाही और संगीतकार रहे कै० राम सिंह ठाकà¥à¤° ने ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤° गान “जन गन मन” की धà¥à¤¨ बनाई थी। वे मूलतः पिथौरागॠजनपद के मूनाकोट गांव के मूल निवासी थे, उनके दादा जमनी चंद जी १८९० के आस-पास हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में जाकर बस गये थे। 15 अगसà¥à¤¤ 1914 को […]
माठपूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरी (पà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤—िरी) : धरà¥à¤® व आसà¥à¤¥à¤¾ का संगम
It is very easy to feel the proximity with God, at Purnagiri, Situated at the awe-inspiring height of 3000 m above sea level, 22 km’s from Tanakpur, 171 km’s from Pithoragarh and 95 kms from Champawat. It’s on the right bank of the river Kali, and is one of the 108 Siddha Peeths. A numbers […]