उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की संघरà¥à¤· यातà¥à¤°à¤¾
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ ०९ नवमà¥à¤¬à¤°, २००० को असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आया, लेकिन इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की यह मांग दो सदी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ थी, आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ होते रहे, लेकिन १९९४ में जनता के इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ ने à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤£à¥à¤¡ रà¥à¤ª धारण किया कि उ०पà¥à¤°à¥¦ और देश की सरकारें हिल गई। इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में कà¥à¤² ४२ लोगों की शहादतें हà¥à¤ˆ और मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र चौराहे […]