आठूं – मां गौरा और शिव के पुत्री-जवाईं रुप में पूजन का पर्व
Uttarakhand is well known for its ancient culture. In its daily life animals, birds, fields all basic amenities of human life is given utmost importance. Gods and Goddess are treated like family members and given a prestigious position in the family people treat Gods and Goddesses as their own and gives them a high and […]
कबूतरी देवी : उत्तराखण्ड की पहली लोक गायिका
आप लोगों ने यदि ७०-८० के दशक में नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी से प्रसारित कुमांऊनी गीतों के कार्यक्रम को सुना होगा तो एक खनकती आवाज आपके जेहन में जरुर होगी। जो हाई पिच पर गाती थी, “आज पनि झौं-झौ, भोल पनि झौं-झौं, पोरखिन त न्है जूंला” और “पहाड़ों को ठण्डो पाणि, कि भलि मीठी बाणी”। इस […]
तुलसी देवी : उत्तराखण्ड की उद्यमशील और समाजसेवी महिला
उद्यमशीलता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम है तुलसी देवी जी का, पिथौरागढ़ जिले के नौलरा गांव में १९१९ में भोटिया व्यापारी श्री खीम सिंह रावत और सरस्वती रावत के घर पर उनका जन्म हुआ। पर्वतीय क्षेत्र की भोटिया जनजाति का साग-सब्जी से हरा-भरा यह छोटा सा गांव उनका अस्थाई आवास था, जहां ऊन धोने, […]