बी०मोहन नेगी, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के वाहक
कविता पोसà¥à¤Ÿà¤° विधा के à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° चितेरे पà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾ बी०मोहन नेगी अब हमारे बीच नहीं रहे। देहरादून के à¤à¤• निजी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अंतिम सांसे ली। अà¤à¥€ तक विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं हो रहा है। खबर सà¥à¤¨à¤•à¤° सà¥à¤¤à¤¬à¥à¤§ हूà¤, बीमोहन दा रूला गये आप। अà¤à¥€ तो बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखना था आपसे। लमà¥à¤¬à¥€ बातें करने थी।अब कौन बनाà¤à¤—ा हमारे लिठ[…]
à¤à¤•à¥à¤¤ दरà¥à¤¶à¤¨, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤• विà¤à¥‚ति
à¤à¤•à¥à¤¤à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ का जनà¥à¤® 12 फरवरी 1912 को गोपाल सिंह रावत के घर हà¥à¤†à¥¤ आपका मूल गाà¤à¤µ था, à¤à¥Œà¤°à¤¾à¤¡à¤¼, पटà¥à¤Ÿà¥€ साà¤à¤¬à¤²à¥€, पौड़ी गढ़वाल। समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ जॉरà¥à¤œ पंचम के राजà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ वरà¥à¤· में पैदा होने के कारण उनके पिता ने उनका नाम राजदरà¥à¤¶à¤¨ रखा था, परनà¥à¤¤à¥ राजनीतिक चेतना विकसित होने के बाद जब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने नाम से गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की […]